Wednesday, December 29, 2010

व्यंग

वैसे तो उनके चेहरे का रंग बड़ा बे रंग है
लेकिन सदीयंत्र क साथ घुल कर
उसका साम्प्रदिक रंग है

2 comments:

  1. देर आयद, दुरुस्त आयद...सुन्दर प्रयास.....बधाई तुमको. श्रुति को भी, जिसने ब्लॉग बनादिया. अब रोज़ दो-चार कविताये. पोस्ट करो..दुनिया में छा जाओगे...

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  2. samay nikalkar kuchh n kuchh post karate raho.................

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